
एडिटर अमरनाथ शास्त्री गोण्डा
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का तात्पर्य केवल बेटियों को बचाना और पढ़ाना ही नहीं, बल्कि सदियों से चली आ रही धार्मिक प्रथाओं एवं गलत मानसिक विचारधारा में परिवर्तन लाना भी है। उक्त बातें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तरबगंज में आयोजित कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम में महिला कल्याण अधिकारी ज्योत्सना सिंह ने कही। उन्होने कहा कि बालिकाओं व महिलाओं को शिक्षित बनाना जरूरी है, उनके शिक्षित होने से दो घर शिक्षित होगें। वे अपने अधिकारों को जानकर उसके लिए लड़ सकती है। महिला कल्याण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ सीएचसी परिसर में केक का काटकर किया गया। जिला समन्वयक राजकुमार आर्य ने कहा कि भारत में सदियों से महिलाओं को शिक्षा एवं समाज में बराबरी के अधिकार से वंचित रखा गया था पर आज संवैधानिक अधिकार के तहत भारत की लाखो बेटियों ने अपनी प्रतिभा से देश का नाम रोशन करने में कामयाब हुई, तब जाकर सरकार ने भी लोगो को जागरूक करने हेतु बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का संचालन प्रारंभ किया। अधिकारियों ने वहां उपस्थित महिलाओं व अन्य लोगों को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के बारे में जानकारी देते हुए महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित अन्य योजनाओं के बारे में जानकारी दी। श्री आर्य ने बताया कि जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी के निर्देशन में चलाये जा रहे इस कार्यक्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जन्म लेने वाली बच्चियों को 1-1 हिमालया बेबी व 2-2 कपड़ा वितरित किया गया।
इस दौरान एमओआईसी डा. नवनीत गौरव सिंह, एनए सिंह, सिद्धनाथ पाठक, रामप्रकाश मौर्य, अनिल सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।