
लम्पी डिज़ीज़ की रोकथाम हेतु शासन द्वारा निर्गत मानक परिचालन प्रक्रिया का कराया जाय पालन, दवाओं एवं वैक्सीन इत्यादि के हो माकूल बन्दोबस्त – आनन्द सिंह।
बहराइच। जनपद में लम्पी स्किन डिजीज (एल.एस.डी.) की मिशन मोड में रोकथाम हेतु शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी प्रबन्ध निदेशक पी.सी.डी.एफ. आनन्द सिंह आई.ए.एस. ने कल्पीपारा गेस्ट हाउस में पशुपालन व अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में निर्देश दिया कि सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों के साथ-साथ ग्राम पंचायत सचिव, लेखपाल व अन्य ग्राम स्तरीय अधिकारियों को सतर्क रखा जाय। रोग के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त होने पर सम्बन्धित पशु को आईसोलेट करते हुए उपचार के प्रबन्ध किये जाये तथा पशु के रक्त की सैम्पलिंग कर लम्पी डिज़ीज़ की रोकथाम हेतु शासन द्वारा निर्गत मानक परिचालन प्रक्रिया का पालन कराया जाय। लम्पी डिज़ीज की प्रभावी रोकथाम हेतु श्री सिंह ने विकास खण्ड स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने तथा सभी पशु चिकित्सालयों पर दवाओं एवं वैक्सीन इत्यादि के माकूल बन्दोबस्त किये जाएं। इसके अलावा उन्होंने बैठक में यह भी निर्देश दिया कि जनपद में पशु मेलो का आयोजन न किया जाय। बैठक के दौरान मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि विगत 4 सितम्बर को आयोजित समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी द्वारा लम्पी स्किन डिज़ीज के सम्बन्ध में समस्त विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये हैं। डॉ. प्रसाद ने बताया कि जनपद एवं ब्लाक स्तर पर कन्ट्रोल की स्थापना की गई है जो 24 घण्टे कार्यरत है। इसके अलावा प्रत्येक ब्लाक हेतु नोडल अधिकारी नामित करते हुए कुल 14 टीमों का गठन कर दिया गया है। लम्पी स्किन डिजीज के संक्रमण को नियंत्रित करने एवं प्रभावी रोकथाम हेतु विभिन्न प्रचार माध्यम से आमजनमानस को जागरूक भी किया जा रहा है। सी.वी.ओ. डॉ. प्रसाद ने बताया कि 20वीं पशुगणना के अनुसार जनपद बहराइच में कुल पशुओं की संख्या 764738 है जिसमें गोवंशीय पशुओं की संख्या 341707 है। जिले में अब तक 20000 गोवंशीय पशुओं में टीकाकरण किया जा चुका है। जनपद में अब तक 7 गोवंशो में रोग के सम्भावित लक्षण पाये गये है। जिसकी पुष्टि हेतु सीरम सैम्पल एकत्र कर दुवासु मथुरा प्रयोगशाला में भेजा गया है। संभावित लक्षणों वाले क्षेत्र में विशेष निगरानी रखी जा रही है तथा ऐसे स्थानों को इपी सेन्टर मानते हुए रिंग वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। सम्बन्धित क्षेत्रों में गठित टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। बैठक से पूर्व शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी श्री सिंह ने लम्पी प्रभावित ग्राम खैरा का निरीक्षण कर पशुपालकों से संवाद स्थापित करते हुए उन्हें पशुपालन विभाग द्वारा जारी एडवाईज़री का पालन करने, पशु बाड़ों में स्वच्छता बनाये रखने, पीड़ित पशु को स्वस्थ पशुओं से अलग रखने का सुझाव देते हुए कहा कि कहीं बाहर से लाकर किसी पशु को बाडे में न रखें तथा पशुओं को समूह में चराने से परहेज़ करें। श्री सिंह ने कहा कि घबड़ाने की ज़रूरत नहीं है जिला प्रशासन के साथ-साथ पशुपालन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। इस अवसर पर अपर निदेशक पशु पालन विभाग देवीपाटन मण्डल डॉ. केदारनाथ, मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र, जिला पंचायत राज अधिकारी राघवेन्द्र द्विवेदी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सदर डॉ इस्लामुददीन, महसी के डॉ ओ.पी. श्रीवास्तव, कैसरगंज के डॉ. अरविन्द कुमार शाही सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।