कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार में मनाया गया वेट लैण्ड डे।
अमृत स्वरूप/जे. पी. गोस्वामी।
बहराइच 03 फरवरी। विलुप्त हो रही आर्द्र भूमि (वेटलैण्ड) के संरक्षण तथा स्वच्छ पेयजल एवं पेयजल स्रोतों के संवर्द्धन हेतु ‘‘एक जनपद-पारिस्थितिकीय गंतव्य’’ की थीम पर कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में बहराइच वन प्रभाग अन्तर्गत आर्द्रभूमि मैलाताल पर वेटलेण्ड दिवस व वर्ड एण्ड नेचर वाचिंग फेस्टिवल का मुख्य विकस अधिकारी रम्या आर व डीएफओ कतर्नियाघाट बी. शिव शंकर ने संयुक्त रूप से हरी झण्डी दिखाकर विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षण स्टाफ को बर्ड वाचिंग के लिए रवाना किया।
कतर्नियाघाट वन क्षेत्र के इको पर्यटन परिसर में नावघाट से प्रवेशद्वार तक गेरूवा नदी व वेट लैण्ड तथा तटबन्ध पर सफारी वाहनों से बच्चों को भ्रमण कराकर उनका प्रकृति एवं पक्षी प्रजाति से साक्षात्कार करायाr गया। बर्ड वाचिंग के दौरान डब्लूडब्लूएफ के दबीर हसन, डब्लूटीआई की सुश्री श्रुति चौहान एवं पक्षी विशेषज्ञ डॉ. शम्श परवेज, से.नि. डीएफओ आन्नद कुमार, एसडीओ रमेश चौहान, आउट रीच प्रोग्राम इंचार्ज शस्वत राज, आर.ओ. धर्मापुर मोबीन आरिफ, निशानगाढ़ा के राधेश्याम, कतर्नियाघाट के अनूप कुमार द्वारा छात्र-छात्राओं को स्टार्क बिल्ड ंिकंगफिशर, रेड कृष्टेड पोचर्ड, बी ईटर, कृष्टेड शरपेन्ट इगल, स्पाटेड आउलेट, रेड जंगल फाउल, पीकाक, ओरियनटल पाइड हार्नबिल आदि पक्षियों के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
प्रकृति परिचय केन्द्र में आयोजित कार्यक्रम में डीएफओ श्री शंकर, डब्लूडब्लूएफ के दबीर हसन एवं एसडीओ रमेश चौहान द्वारा वन्य जीव विहार अन्तर्गत देखे जाने वाले पक्षियों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बप्पा जी इण्टर कालेज, चफरिया, शारदा सहायक परियोजन इण्टर कालेज, गिरजापुरी, वनांचल विद्यालय बिछिया, जमुनिहा प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं, नेचर गाइड, सफारी वाहन चालक, विभिन्न वन क्षेत्रों के वनाधिकारी, वन कर्मियों व शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। स्केचिंग प्रतियोगिता में असद अंसारी, हरिदर्शन वx कु. अलीजा नकवी ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय तथा अंश श्रीवास्तव, बेबी, मनीषा यादव व कार्तिक गुप्ता को संत्वना पुस्कार तथा क्ले माडलिंग प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नन्दनी एवं धान्यरानी को पुरस्कृत किया गया।कार्यक्रम को सफल बाने में डब्लूडब्लूएफ, डब्लूटीआई, एसओएस टाइगर, ईडीसी सहित द्वारा सक्रिय सहयोग प्रदान किया गया।