
अमृत स्वरुप/न्यूज एडिटर अमरनाथ शास्त्री गोण्डा
590 राजकीय नलकूपों पर करोड़ों खर्च फिर भी बंद पड़े राजकीय नलकूप जिलाधिकारी के जांच आदेश पर लगाई फर्जी रिपोर्ट जिला अधिकारी ने दिया दोबारा जांच आदेश
गोंडा जिले के नलकूप खंड के अधिशासी अभियंता बंद पड़े नलकूपों को दिखा रहे चालू शासन के साथ खेल रहे आंख मिचोली का खेल
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने दिए दोबारा जांच के आदेश खबर प्रकाशित होने के बाद कराई जांच तो अधिशासी अभियंता ने लगाई फर्जी रिपोर्ट
किसानों ने कहा अधिकारियों द्वारा अपने आप को बचाने के लिए फर्जी रिपोर्ट तैयार कर जिला अधिकारी व शासन को गुमराह कर रहे हैं राजकीय नलकूप कई वर्षों से बंद पड़े हुए हैं।
ब्यूरो गोण्डा।योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा कड़ी चुनौती दी जा रही हैं 86 जीजी 93 जी जी, 81 जी जी 82 जी जी सहित जिले के सभी राजकीय नलकूप पर प्रकाशित खबर को जिला अधिकारी के द्वारा संज्ञान लिए जाने पर अधिशासी अभियंता के द्वारा फर्जी रिपोर्ट तैयार कर जिला अधिकारी को गुमराह व शासन के छवि धूमिल कर रहे हैंऔर क्षेत्र में राजकीय नलकूप बंद पड़ें है।
स्वतंत्र प्रभात सहित अन्य अखबारों के द्वारा नलकूपों के मरम्मत व रखरखाव पर करोड़ों रूपये खर्च किए जाने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया गया जिसपर जिला अधिकारी नेहा शर्मा के द्वारा जांच के आदेश दिए गए लेकिन विभागीय जिम्मेदार अधिकारियों ने फर्जी रिपोर्ट तैयार कर
जिलाधिकारी महोदया व शासन को भेज कर गुमराह करने में जुटे जिसकी खबर प्रमुखता से पुनः प्रकाशित किया गया तो जिला अधिकारी के द्वारा स्थालीय जांच करने के आदेश दिए गए जिसपर जिम्मेदार अधिकारियों में खलबली मच गया और राजकीय नलकूपो की गणेश परिक्रमा करने लगे। फर्जी रिपोर्ट तैयार कर जिला अधिकारी व शासन को बताया गया है 93 जीजी राजकीय नलकूप संचालित है जबकि 93 जी जी भी कई वर्षों से बंद पड़े हुए हैं ।
कई सालों से खराब पड़े नलकूपों पर भी सिंचाई विभाग के ऑपरेटर द्वारा कागजों में बराबर दिखाया जा रहा है। 82 जी जी नलकूप महादेवा कला 81 जी जी नलकूप माथेडीह, नारायणपुर माफी भी नहीं चल रहा है समाजवादी पार्टी के नेता जमाल मोहम्मद चौधरी ने बताया कि नलकूप बंद पड़े हुए हैं जिसे किसने की सिंचाई में काफी समस्याएं हो रही है प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाए। सवाल उठता है कि जब कई सालों से राजकीय नलकूप बंद पड़ें हुए हैं तो सिंचाई विभाग के ऑपरेटर द्वारा आखिर कैसे और क्यों विभाग को फर्जी सिंचाई रिपोर्ट भेज रहे है ।
निजी संसाधनों से किसानों को सिंचाई करने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है सिंचाई करने में अधिक लागत आ रही है सिंचाई के अभाव में फसलों का नुकसान प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए हो रहे
राजकीय नलकूपो की खबरें प्रकाशित होने पर विभागीय अधिकारियों के द्वारा फर्जी रिपोर्ट तैयार कर ज़िले के जिला अधिकारी सहित सरकार की छवि को धूमिल करने में कोई कोन कसर नहीं छोड़ी । जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अपने आप को बचाने के लिए प्रकाशित खबरें पर जिला अधिकारी को गुमराह कर तथा सरकार की छवि धूमिल करने के लिए द्वारा फर्जी रिपोर्ट तैयार कर प्रेषित कर दिया गया जिसके बाद फर्जी रिपोर्ट की खबरों को पुनः प्रकाशि किए जाने पर जिलाधिकारी के लिए जांच के आदेश दिए गए। जिससे जिम्मेदार अधिकारियों में खलबली मच गई।जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने खबर को संज्ञान में लेते हुए नलकूपों पर मरम्मत के नाम पर खर्च हुए करोड़ों रुपए की जांच कराए जाने को लेकर दिए विभागीय आदेश के बाद अधिशासी अभियंता द्वारा जांच कर दावा किया कि जिले में विगत वित्त वर्ष में 590 राजकीय नलकूप चलित थे जो कि वर्तमान में जिले में 620 राजकीय नलकूप चल रहे हैं। अधिशासी अभियंता ने रिपोर्ट तैयार कर बताया कि खबर प्रकाशित की गई वह शासन तथा विभाग की छवि को धूमिल करने के लिए किया गया ।जबकि वर्तमान में देवरिया कला स्थित 86 जी जी राजकीय नलकूप विगत दो वर्षों से बंद पड़ा हुआ है जिसका शिकायत भी ग्रामीणों द्वारा किया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसको अधिशासी अभियंता द्वारा अपने पत्र में दिखाया है कि 86 जीजी नलकूप चालू स्थिति में है जो की बिल्कुल ही फर्जी है वहीं रूपईडीह माथेडीह स्थित राजकीय नलकूप को भी पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है रुपईडीह ब्लॉक के ही सेवरहा स्थित राजकीय नलकूप 93 जीजी,81 जी जी, 81 जी जी इटहिया नबीजोत स्थित राजकीय नलकूप भी विगत कई वर्षों से बंद पड़ा हुआ है इस संबंध में ग्राम प्रधान से भी बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया की नलकूपो से सिंचाई नहीं हो रही है जिसमें विभागीय अधिकारियों द्वारा फर्जी तरीके से पत्र के माध्यम से बिना जांच किया सभी नलकूपों को चालू स्थिति में दिखाया जा रहा है जो की बिल्कुल ही निराधार हैं।देवरिया कला के किसान रामदयाल तिवारी अमरनाथ तिवारी राजू ननके रामू वर्मा सहित दर्जनों किसानों से बात की गई तो बताया कि 86 जीजी राजकीय नलकूप विगत दो वर्षों से अधिक दिनों से बंद पड़ा हुआ है जब किसान सिंचाई ही नहीं कर रहे हैं तो आखिर ट्यूबेल ऑपरेटर के द्वारा सिंचाई के फर्जी अभिलेख तैयार करके शासन को कैसे भेजा जा रहा है सरकार व जिला अधिकारी को गुमराह किया जा रहा है। इसकी टीम गठित कर जांच कराई जाए तो विभाग की फर्जी रिपोर्ट का भंडाफोड़ हो जाएगा।
करोड़ों रुपये खर्च अधिशासी अभियंता द्वारा डाला जा रहा पर्दा सरकार की छवि को धूमिल करने का पूरा प्रयास
विभागीय अधिकारीयों की मिली भगत कर उत्तर प्रदेश योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को चुनौती देते हुए भ्रष्टाचार कर सिंचाई विभाग गोंडा प्रतिवर्ष सिंचाई के नाम पर नलकूप विभाग के द्वारा नलकूपों की मरम्मत करने के नाम पर करोड़ रुपये का हेर फेर किया जा रहा है जो की चिंताजनक बात बनी हुई है जिले में प्रत्येक नलकूपों को चलाने के लिए मरम्मत के नाम पर सरकार द्वारा 123 रुपए रोजाना खर्च किया जा रहा है जो की कुल मिलाकर प्रतिवर्ष एक नलकूप के मरम्मत के नाम पर 45000 रुपए मिलते हैं जिले में 590 नलकूप की धनराशि करीब-करीब लगभग 2 करोड 65 लाख 50000 रुपए हो जाती है यह रुपए मरम्मत के नाम पर हर साल खर्च कर दिया जाता है लेकिन कहां खर्च होता है इसका कोई अता-पता नहीं चलता है क्षेत्र में कार्य न होने से लगभग लगभग सारे राजकीय नलकूप बंद पड़े हुए हैं कहीं गुलाबा फटे हुए हैं तो कहीं नालिया टूटी हुई है जिसकी शिकायत भी कई बार विभागीय अधिकारियों को की जाती है किसानों के द्वारा लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। धरातलीय से जांच कराई जाए तो कई ऐसे नलकूप है जो वैसे ही काग़ज़ों में चल रहे हैं लेकिन किसानों की खेतों तक पानी नसीब नहीं हो रहा है।विकासखंड रूपईडीह के ग्राम पंचायत देवरिया कला के 86 जीजी राजकीय नलकूप जो विगत दो वर्षों से बंद पड़ा हुआ है जिसका गुलाब व नालियां पूरी तरह से टूटी पड़ी हुई है इसकी ग्रामीणों द्वारा शिकायत भी कई बार की गई लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा टालमटोल कर दिया गया वहीं दूसरी तरफ इसी ग्राम पंचायत के माथेडीह स्थित राजकीय नलकूप की भी नालियां पूरी तरह से टूटी पड़ी हुई है वह भी विगत कई वर्षों से बंद पड़ा हुआ है जिसकी खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया गया जिलाधिकारी के द्वारा पुनः संज्ञान लिए जाने पर अधिकारियों व उनके गुर्गों तथा विभागीय ठेकेदारों के द्वारा लगातार फोन किया जा रहा है और अधिकारियों के द्वारा लगाए गए फर्जी रिपोर्ट को लेकर खलबली मची हुई है। जिससे बंद पड़ें राजकीय नलकूपो की गणेश परिक्रमा करने के लिए पहुंच रहे हैं।अब देखना है कि फर्जी रिपोर्ट देने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर जिलाधिकारी व शासन को गुमराह कर रहे अधिकारियों पर क्या असर दार कारवाई होती है यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।