अमृत स्वरुप न्यूज एडिटर अमरनाथ शास्त्री गोण्डा
गोण्डा विजय दुबे ने कहा कि एक ऐसा लोकपर्व है जो समाज को संगठित करके एक मंच से एक ही सुर में योग के महत्व के प्रति जागरूक करने का काम करता है। भारत की पहल के बाद योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहचान मिली थी और इसे पहली बार 21 जून 2015 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। तभी से हर वर्ष 21 जून को पूरे हर्षोल्लास के साथ दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। विद्यार्थी जीवन को अनुशासित और निरोगी बनाने में योग एक बड़ी भूमिका निभाता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आप अपने परिजनों और मित्रों के साथ योग किया जाता है एवं योग के बारे में जानकारी साझा कर सकते हैं, जो उन्हें योग को अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे सत्यनाम सेवा ट्रस्ट के प्रबंधक राघवेन्द्र मिश्रा ने कहा कि
इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को योग के प्रति जागरूक करना है। योग के कई आसन हैं, जो सेहत और सुंदरता के लिए फायदेमंद हैं। योग एक्सपर्ट्स सेहतमंद रहने के लिए रोजाना योग करने की सलाह देते हैं। योग करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके लिए कहा जाता है “करो योग, रहो निरोग”। इस मौके पर लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। इस मौके पर राघवेन्द्र मिश्रा,मणिकांत तिवारी,पटमेश्वरी यादव गण्डाही, सोनू, नीलम, आदि लोग मौजूद रहे