विनेश फोगाट, भारत की प्रसिद्ध महिला पहलवान, एक बार फिर से विवादों में हैं। पेरिस ओलंपिक्स 2024 में 50 किलोग्राम वर्ग में उन्होंने दमदार प्रदर्शन किया था और सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था, लेकिन गोल्ड मेडल के मुकाबले से पहले उन्हें 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण डिसक्वालीफाई कर दिया गया। इस विवादित फैसले के बाद, विनेश ने सिल्वर मेडल के लिए कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) में अपील की थी, जिसमें उनके पक्ष को भारत के सीनियर वकील हरीश साल्वे ने रखा।विनेश का फैसला 9 अगस्त को सुनाया जाना था, लेकिन इसे 16 अगस्त तक टाल दिया गया है। विनेश, जो अब संयुक्त सिल्वर मेडल की मांग कर रही हैं, इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। उनके केस ने न केवल भारतीय खेल जगत को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कुश्ती समुदाय में भी हड़कंप मचा दिया है।विनेश की इस कहानी की शुरुआत पेरिस ओलंपिक्स 2024 में हुई, जहां उन्होंने 50 किलोग्राम वर्ग में अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेजी को हराया, जबकि क्वार्टरफाइनल में उन्होंने यूक्रेन की ओकसाना लिवाच को मात दी। इसके पहले प्री-क्वार्टरफाइनल में उन्होंने जापान की सुसाकी को हराकर अपनी कुशलता का प्रदर्शन किया।हालांकि, गोल्ड मेडल के मुकाबले से पहले उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया, जिसके कारण उन्हें प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया। इस फैसले के बाद विनेश ने रात भर कड़ी मेहनत की, यहां तक कि अपना वजन कम करने के लिए उन्होंने अपने बाल भी कटवा लिए। लेकिन फिर भी उनका वजन 100 ग्राम अधिक ही रह गया, जिससे वे डिसक्वालीफाई हो गईं।विनेश का अब तक का प्रदर्शन शानदार रहा है। वे तीन बार कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं, जिसमें 2014, 2018 और 2022 के खेल शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने 2018 के एशियन गेम्स में गोल्ड और 2014 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। 2021 में वे एशियन चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं।विनेश के इस मामले ने भारतीय खेल जगत में एक नई बहस को जन्म दिया है। खेल प्रेमी और विशेषज्ञ इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या विनेश को एक और मौका दिया जाना चाहिए था, या उन्हें नियमों के तहत ही बाहर किया गया। विनेश की अपील पर फैसला 16 अगस्त को आएगा, और तब तक उनके समर्थकों और खेल प्रेमियों को इंतजार करना होगा।यदि सीएएस विनेश के पक्ष में फैसला सुनाता है, तो यह न केवल विनेश के लिए बल्कि भारतीय कुश्ती के लिए भी एक महत्वपूर्ण जीत होगी। दूसरी ओर, यदि फैसला उनके खिलाफ जाता है, तो यह उनके करियर के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। अब सभी की निगाहें 16 अगस्त पर टिकी हैं, जब यह तय होगा कि विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल का सपना पूरा होगा या नहीं।