बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक: वन विभाग की 20 टीमें लगातार गश्त में जुटीं।
अमृत स्वरूप बहराइच/अनूप मिश्रा।
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में इस समय आदमखोर भेड़ियों का आतंक छाया हुआ है, जिसने पूरे इलाके को दहशत में डाल रखा है। पिछले एक महीने में इन भेड़ियों ने आधा दर्जन से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया है, जिनमें से पांच मासूम बच्चे भी शामिल हैं। यह भयावह स्थिति महसी तहसील के हरदी थाना क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में बनी हुई है, जहां लोग अपने बच्चों को घर के भीतर रखने और रात के समय बाहर न निकलने की सख्त हिदायत दे रहे हैं।भेड़ियों के इस आतंक से निपटने के लिए प्रशासन और वन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। वर्तमान में, वन विभाग की 20 टीमें, जिनमें बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा और बाराबंकी के वन प्रभाग शामिल हैं, दिन-रात गश्त कर रही हैं। इन टीमों का मुख्य उद्देश्य इन खतरनाक भेड़ियों को पकड़ना और गांव के लोगों को सुरक्षित करना है। वन विभाग ने इन भेड़ियों को रिहायशी इलाकों से दूर भगाने के लिए एक अनोखी रणनीति बनाई है। अधिकारियों ने बताया कि हाथियों के मल और मूत्र का उपयोग किया जा रहा है। हाथियों के मल और मूत्र की गंध से भेड़ियों को लगता है कि वहां हाथियों की मौजूदगी है, जिससे वे डरकर वहां से दूर भाग जाते हैं। कतर्नियाघाट जंगल से हाथियों का मल और मूत्र मंगवाकर इसे गांवों के बाहर अलग-अलग स्थानों पर छोड़ा जा रहा है, ताकि भेड़ियों को इलाकों से दूर भगाया जा सके।बाराबंकी के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) आकाशदीप के अनुसार, हाई फ्रीक्वेंसी ड्रोन कैमरों की मदद से छह भेड़ियों की पहचान की गई थी, जिनमें से तीन को पहले ही पकड़ा जा चुका है। बाकी के तीन भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीमें लगातार प्रयासरत हैं। उनका कहना है कि हमारी प्राथमिकता गांव के लोगों को इन खतरनाक भेड़ियों से सुरक्षित करना है।इस स्थिति को देखते हुए बहराइच के डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने कहा कि अब तक भेड़ियों के हमले में पांच बच्चों की जान जा चुकी है। प्रभावित गांवों में पुलिस, प्रशासन, वन विभाग और गांववासियों की टीमें अलग-अलग टोलियों में रात-दिन गश्त कर रही हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश्वर सिंह भी इस गंभीर स्थिति को देखते हुए दो रात से लगातार गश्त में शामिल हो रहे हैं और गांव-गांव जाकर लोगों का हौसला बढ़ा रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों को बच्चों को घर के भीतर रखने और समूह में गश्त करने की सलाह दी है।प्रदेश की मुख्य वन संरक्षक-मध्य क्षेत्र, रेणु सिंह ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा कर ग्रामीणों से मुलाकात की और उन्हें हिम्मत रखने की बात कही। साथ ही, उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को इस बचाव अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं, ताकि जल्द से जल्द इस संकट का समाधान हो सके और लोगों को इस खौफनाक स्थिति से राहत मिल सके।