बहराइच में भेड़ियों का आतंक खत्म, वन विभाग ने पांचवा खतरनाक भेड़ियों को पकड़ा।
जनपद बहराइच जिले में आम लोगों के लिए आतंक का पर्याय बने एक और भेड़िये को वन विभाग ने पकड़ लिया है, जिससे ग्रामीणों और वन विभाग ने राहत की सांस ली है। महसी तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत सिसैया चूड़ामणि गांव में भेड़िये की दहशत के कारण वन विभाग ने उसे पकड़ने के लिए पिंजरा और जाल बिछाया था। कई दिनों से गांव में भेड़िये का आतंक फैला हुआ था, और ग्रामीण दहशत में जी रहे थे। मंगलवार की सुबह लगभग छह बजे के बाद, वन विभाग द्वारा लगाए गए जाल में एक भेड़िया फंस गया। भेड़िये के जाल में फंसने के बाद, उसे पिंजरे की ओर ले जाया गया, जहां वह कैद हो गया। इसके बाद, वनकर्मियों ने भेड़िये को अपने कब्जे में ले लिया और उसे रेंज कार्यालय ले जाया गया। डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने पुष्टि की कि एक भेड़िया पिंजरे में कैद किया गया है और उसे रेंज कार्यालय लाया जा रहा है। डिप्टी रेंजर दीपक सिंह ने बताया कि पकड़ा गया भेड़िया मादा है और उसकी उम्र लगभग पांच वर्ष है।अब तक कुल मिलाकर पांच भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है। वन दरोगा अमित कुमार वर्मा ने बताया कि इससे पहले चार भेड़िये पहले ही पकड़े जा चुके थे, और मंगलवार सुबह पकड़े गए भेड़िये को मिलाकर यह संख्या पांच हो गई है। इनमें से एक भेड़िये की मौत हो चुकी है, जबकि बाकी चार को सुरक्षित पकड़ा गया है। भेड़ियों के लगातार पकड़े जाने से गांव के लोगों ने काफी राहत महसूस की है।गांव के लोग काफी समय से इन भेड़ियों के कारण अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। कई बार ग्रामीणों ने अपनी जान बचाने के लिए प्रशासन और वन विभाग से गुहार लगाई थी। अब, भेड़ियों के पकड़े जाने से लोग अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और वन विभाग के इस प्रयास की सराहना कर रहे हैं। वन विभाग की टीम ने दिन-रात मेहनत करके इन खतरनाक भेड़ियों को पकड़ा और ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया। वन विभाग की टीम अब इस बात का भी प्रयास कर रही है कि पकड़े गए भेड़ियों की देखभाल कैसे की जाए और उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और भेड़ियों को सुरक्षित स्थान पर छोड़ना वन विभाग की प्राथमिकता बनी हुई है।