घुटनों तक गड्ढे, गड्ढों में भरा पानी, उसमें डाल दी गई मिट्टी—विकास भवन शेखदहीर मार्ग की यही है कहानी।
मिट्टी डालने से मार्ग पर लोगों का निकलना हुआ दूभर।
बहराइच। एक कहावत है: “एक तो करेला, ऊपर से नीम चढ़ा।” यह कहावत विकास भवन शेखदहीर माधव रेती मार्ग की स्थिति पर बिल्कुल सटीक बैठती है। मार्ग पहले से ही घुटनों तक गड्ढों से भरा हुआ है, जिनमें पानी जमा है। इन गड्ढों में भरे पानी के ऊपर विभाग ने मिट्टी डलवा दी है, जिससे चलना तो दूर, निकलना भी मुश्किल हो गया है।ज्ञातव्य है कि विकास भवन से शेखदहीर मार्ग की दयनीय स्थिति को देखते हुए मीडिया ने कई बार अखबारों में खबरें प्रकाशित की हैं। स्थानीय लोगों ने भी सीएम पोर्टल पर शिकायतें दर्ज कराईं। इसके बाद आनन-फानन में गड्ढों में भरे पानी के ऊपर मिट्टी डालकर सड़क की हालत और भी खराब कर दी गई। यह सुधार कम और समस्या ज्यादा साबित हुआ। मिट्टी डालने के बाद न केवल सड़क और फिसलन भरी हो गई है, बल्कि कीचड़ भी बढ़ गया है, जिससे इस पर पैदल चलना और भी कठिन हो गया है।शहर के डीएम आवास के बगल से माधव रेती शेखदहीर मार्ग गुजरता है, जो कई गांवों का मुख्य संपर्क मार्ग है। प्रतिदिन इस मार्ग पर हजारों लोग, जिनमें स्कूल जाने वाले बच्चे, नौकरीपेशा लोग और ग्रामीण शामिल हैं, आवागमन करते हैं। लेकिन, सड़क की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि यहां से गुजरना दूभर हो गया है। लोग आए दिन फिसलकर गिर रहे हैं और चोटिल हो रहे हैं, परंतु प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इस पर कोई ध्यान नहीं है।विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और हीला-हवाली के कारण पिछले कई वर्षों से सड़क की मरम्मत नहीं हो पाई है। स्थानीय निवासियों ने कई बार प्रयास किए और कुछ ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर सड़क की मरम्मत की मांग की थी। जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को कार्रवाई के लिए निर्देशित भी किया था। इसके बावजूद, मामला ढाक के तीन पात ही रहा। न तो सड़क की मरम्मत हो पाई और न ही किसी अधिकारी ने इसे गंभीरता से लिया।अब, हालत यह है कि गड्ढों में भरे पानी के ऊपर मिट्टी डालकर केवल समस्या को बढ़ाया जा रहा है। लोगों का पैदल चलना ही नहीं, बल्कि साइकिल, बाइक, या अन्य वाहनों का निकलना भी मुश्किल हो गया है। बारिश के दौरान स्थिति और भी भयावह हो जाती है, जब मिट्टी पानी के साथ मिलकर कीचड़ में बदल जाती है। स्थानीय लोग इस स्थिति से बेहद परेशान हैं और यह मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द सड़क की समुचित मरम्मत की जाए।जनता के अनुसार, सड़क की इस दुर्दशा के लिए प्रशासनिक अधिकारियों और लोक निर्माण विभाग की उदासीनता जिम्मेदार है। पिछले कई सालों से इस मार्ग की हालत खराब है, लेकिन इसके सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब तक कोई प्रभावी योजना नहीं बनाई गई है, जिससे लोगों की परेशानी कम हो सके।समय की मांग है कि प्रशासन इस सड़क की मरम्मत की दिशा में ठोस कदम उठाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके। अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई, तो यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है और लोगों के गुस्से का कारण बन सकती है। इस बीच, स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन उनकी समस्या का समाधान करेगा और मार्ग की स्थिति को सुधारेगा।