“श्रावस्ती में राप्ती नदी का कहर: धान की फसलें बर्बाद, किसान असहाय!”
रिर्पोट अमृत स्वरूप श्रावस्ती नीतीश कुमार तिवारी।
जनपद श्रावस्ती में इन दिनों राप्ती नदी शांत रूप से बह रही है, लेकिन इसके बावजूद तटीय क्षेत्रों में धान की फसल पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। राप्ती नदी मल्हीपुर से भंगहा के बीच मधवापुर पुल के निकट से बहती है, जहां यह कटान का कारण बन रही है। इस कटान की वजह से तटवर्ती इलाकों में किसानों की खेतिहर भूमि प्रभावित हो रही है, जिससे उनकी मेहनत की फसल बर्बाद हो रही है।धान की फसल इन इलाकों में प्रमुखता से उगाई जाती है, लेकिन राप्ती के इस कटान से फसलें प्रभावित हो रही हैं, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है। किसान अपनी फसल बचाने के लिए चिंतित हैं, लेकिन नदी के बढ़ते प्रभाव के आगे वे असहाय महसूस कर रहे हैं।कटान के चलते खेतों का लगातार नुकसान हो रहा है और फसलें पानी में बह रही हैं। यह स्थिति किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि उनकी आजीविका मुख्य रूप से इन फसलों पर निर्भर करती है। इस समस्या से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी कोई ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है।राप्ती का यह शांत लेकिन विनाशकारी रूप किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर रहा है और उनके चेहरे पर मायूसी साफ देखी जा सकती है। अब किसान सरकार और प्रशासन से इस समस्या के जल्द समाधान की अपेक्षा कर रहे हैं।