जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा की पहल।
अमृत स्वरुप/अमरनाथ शास्त्री गोण्डा।
जनपद के रिटायर सरकारी कार्मिकों को भुगतान के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर।
आगामी 06 माह में रिटायर हो रहे कार्मिकों के पेंशन, बीमा आदि भुगतान संबंधी प्रपत्र तैयार करने के आदेश।
लम्बित प्रकरणों में समयबद्ध रूप से नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के दिए आदेश। गोण्डा जनपद के सरकारी दफ्तरों से सेवानिवृत्त हो रहे कार्मिकों को पेंशन, बीमा, जीपीएफ, ग्रेच्युटी जैसे भुगतान के लिए अब चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सेवानिवृत्त होने पर संबंधित कार्मिक को देय सेवानैवृत्तिक लाभों का भुगतान समयबद्ध रूप से सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने पहल की है। जिलाधिकारी की ओर से सभी जनपद अधिकारी एवं कार्यालयाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि वह आगामी 06 माह में सेवानिवृत्त हो रहे कार्मिकों का वितरण प्राप्त कर पेंशन, बीमा, जीपीएफ, ग्रेच्युटी आदि के भुगतान हेतु आवश्यक प्रपत्र को तैयार करा दें। इनके संबंध में सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त कर ली जाए। जिलाधिकारी ने साफ किया है कि अधिक से अधिक देयों का भुगतान सेवानिवृत्ति की तिथि पर कराने की व्यवस्थआ सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने बताया कि कई विभागों में समय पर कार्यवाही ने किए जाने के चलते सेवानिवृत्त होने के उपरान्त संबंधित कर्मचारी कार्यालयाध्यक्ष व उच्चाधिकारियों के पास अपने देयों के भुगतान के लिए आते हैं। जनसुनवाई के दौरान एवं सम्पूर्ण समाधान दिवस पर कई बार इस तरह के प्रकरण प्रकाश में आते हैं। यह स्थिति कदापि उचित नहीं है। विभाग से सेवानिवृत्त होने के उपरांत कर्मचारी को उन्हीं के विभागीय अधिकारी अथवा पटल सहायक द्वारा औपचारिकताएं पूर्ण कराने के नाम पर कार्यालय आने के लिए बाध्य करना शासन के निर्देशों की अवहेलना का परिचायक है। इस तरह की प्रवृत्ति पर सख्ती से अंकुश लगाने तथा सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारी को बिना किसी विलम्ब के अनुमन्य देयों का भुगतान सुनिश्चित करने हेतु कार्यालयाध्यक्ष के स्तर पर सजगता आवश्यक है। यह आदेश भी दिए गए आगामी 06 माह में सेवानिवृत्त हो रहे कार्मिकों के प्रपत्र तैयार करने के साथ ही लम्बित प्रकरणों में भी समयबद्ध तरीके से कार्यवाही सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि अभी जिन कर्मचारियों के देयों का भुगतान लम्बित है, उनपर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। बिना किसी युक्तियुक्त कारण के लम्बित प्रकरणों में समयबद्ध रूप से नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए।