*19 मई,शनिश्चरी अमावस्या*, सूर्यदेव और देवी छाया के पुत्र भगवान शनि के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है , इस उत्सव को शनि जयंती भी कहा जाता है। श्री शनि, शनि ग्रह को नियंत्रित करते हैं, और इनकी मुख्यतया शनिवार के दिन पूजा व अर्चना की जाती है।
*श्री शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है।*।
👉🏻2 हजार साल से भी ज्यादा पुराना है यह शनि मंदिर, यहां ढय्या शनि की प्रतिमा भी है उज्जैन
यह मंदिर इसलिए खास है
राजा विक्रमादित्य ने 2000 से ज्यादा साल पहले उज्जैन में नवग्रह शनि मंदिर की स्थापना की थी (मंदिर में नवग्रह सूर्य चंद्र मंगल बुध गुरु शुक्र शनि राहु केतु) विराजित है मंदिर के मुख्य भाग में शनि दो दशा साढ़ेसाती और ढैया सहित गणेश और हनुमान जी विराजित है
*👉🏻कुंडली में शनि दोष, शनि ढैय्या या साढ़ेसाती है, तो शनिश्चरी अमावस्या इन सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति दिलाएगी। शनि अमावस्या के दिन शनि देव की कृपा पाने हेतु शनि मंदिर अथवा नवग्रह धाम मंदिर जाएं और भगवान शनि की पूजा करें, तथा दशरथकृत शनि स्तोत्र का भी पाठ करना चाहिए।*
ज्योतिषाचार्य पंडित दुर्गेश शास्त्री अंबिका ज्योतिष केंद्र उज्जैन नलखेड़ा