संविलियन विद्यालय धमसी डिहवा में हो रही मिड डे मील में गड़बड़ी , बच्चे हो रहे मिड डे मील से वंचित।
रिपोर्ट:-शास्त्र तिवारी।
पयागपुर बहराइच | उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्राथमिक एवं संविलियन विद्यालयों में मिड डे मील की योजना लगातार चला रही है ताकि बच्चों को शिक्षा के साथ उत्तम भोजन मिले लेकिन कहानी कुछ उल्टी सी प्रतीत हो रही है | मालूम हो कि पयागपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत नारायणपुर धमसी डिहवा में स्थित संविलियन विद्यालय में मिड डे मील की व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है | बच्चों को मिड डे मील का कोई भी लाभ पूर्ण रूप से नहीं मिल पा रहा है | जब संवाददाता ने विद्यालय का दौरा किया तो उन्हें संविलियन विद्यालय में बन रहे मिड डे मील में गड़बड़ी देखने को मिली जिसमें बच्चों को मिड डे मील के दौरान तहरी बनाने का मीनू था जिसमें तहरी कच्ची मिली पूर्ण रूप से पकी हुई नहीं थी उसी तहरी को बच्चों को परोसा जा रहा था | लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्राथमिक एवं संविलियन विद्यालयों को फल दूध राशन सब उपलब्ध मीनू के अनुसार करवा रही है। लेकिन मिड-डे-मील का उपयोग सही तरीके से नहीं हो पा रहा है इस खेल का शिकार छोटे-छोटे बच्चे जो विद्यालय में पढ़ रहे हैं वह हो रहे हैं | संवाददाता के पूछने पर बच्चों ने बताया कि इस विद्यालय में मीनू के अनुसार कोई भी चीज नहीं मिलती है और गैस सिलेंडर भी उपलब्ध नहीं है इसलिए चूल्हे पर खाना बनाया जा रहा है | जब इस संदर्भ में मिड डे मील के बारे में संविलियन विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पारुल शुक्ला से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि जो व्यवस्था हमें प्रधान के द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है उसी के तहत हम बच्चों को व्यवस्था दे रहे हैं | इसके आगे उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान के द्वारा समय पर गैस सिलेंडर उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है जिससे बच्चों को सही समय पर भोजन उपलब्ध कराने में परेशानी हो रही है | ग्राम प्रधान के द्वारा रंजिश वश फल और दूध बच्चों को नहीं वितरित किया जा रहा है तथा संविलियन विद्यालय में साफ सफाई की स्थिति सही नहीं है। ग्राम प्रधान द्वारा मिड डे मील में बच्चों की संख्या बढ़ाने का दबाव बनाया जाता है I स्कूल की हर छोटी बड़ी चीज में दखल दिया जाता है I ग्राम प्रधान द्वारा विद्यालय का कायाकल्प नहीं कराया जा रहा है I राशन मानक के अनुसार नहीं दिया जा रहा है I जूनियर में प्रति बच्चा 150 ग्राम और प्राथमिक में प्रति बच्चा 100 ग्राम शासन के द्वारा निर्धारित है जबकि दूसरे स्कूल में फल वितरण करते हैं | रसोइया के चयन में भी बाधा पहुंचाई जा रही है I