श्री सत चंडी महायज्ञ एवं श्री राम कथा में राम जन्म होते ही श्रीराम के जयकारों से गूंजा पंडाल
गोण्डा स्थित ब्लाक पडरी कृपाल अंतर्गत ग्राम पंचायत भिवपुर स्थित श्रीभद्रकाली मंदिर में श्री सत चंडी महायज्ञ एवं विराट मानव संत सम्मेलन एवम् श्रीराम कथा के चौथे दिन श्री राम जन्म होते ही श्रीराम के जयकारों से गूंजा पंडाल
गोण्डा : पडरी कृपाल ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत भिवपुर में श्री भद्रकाली मंदिर में श्री सत चंडी महायज्ञ एवं विराट मानव संत सम्मेलन के चतुर्थ दिवस पर श्रीराम कथा में श्रीराम जी का जन्म होते ही पंडाल में प्रभु श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। कथावाचक अयोध्या से आये पण्डित पंकज शास्त्री रसिक जी महाराज ने कहा कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था। भगवान राम ने बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। राम कथा में पिता के प्रति मां के प्रति और भाई के प्रति प्रभु राम का जो स्नेह प्रेम रहा सदा सदा के लिए अमर है। कथावाचक पंकज शास्त्री ने कहा कि राजा दशरथ के संतान न होने के कारण अपने कुलगुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं। जहां वशिष्ठ द्वारा श्रृंगी ऋषि से शुभ पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाते है। यज्ञ कुंड से अग्नि देवता का प्रकट होकर राजा दशरथ को खीर प्रदान करते हैं। जिसके बाद राजा दशरथ द्वारा तीनों रानियों कौशल्या, कैकई और सुमित्रा को खीर देते है। उस खीर के खाने से तीनों रानियों को भगवान राम सहित भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म होता है। इस अवसर पर यज्ञाध्यक्ष पंडित अंजनी शास्त्री, यज्ञाचार्य अमरनाथ शास्त्री,पंकज शास्त्री,गौरीकांत शास्त्री,सुबेदार पांडेय,तथा श्री सतचंडी महायज्ञ के मुख्य यजमान माधव राज तिवारी सहित समस्त ग्राम वासी क्षेत्र वासी हजारों की संख्या से ज्यादा लोग मौजूद रहे।