
लोकसभा चुनाव परिणाम 2024: उत्तर-पश्चिम दिल्ली सीट पर शहर में सबसे ज्यादा नोटा वोट दर्ज।
चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव में सात शहरी सीटों पर डाले गए 45,554 ‘इनमें से कोई नहीं’ (नोटा) वोटों में से उत्तर-पश्चिम दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक 8,984 वोट दर्ज किए गए। इस निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के योगेंद्र चंदोलिया ने कांग्रेस के उदित राज को 2,90,849 मतों के अंतर से हराया। हालांकि, इस चुनाव में कुल नोटा वोटों की संख्या में मामूली गिरावट देखी गई, जो 2019 में 45,629 से घटकर 45,554 हो गई। सबसे कम नोटा वोट नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए, जहां भाजपा की बांसुरी स्वराज का मुकाबला आप के सोमनाथ भारती से था। निर्वाचन क्षेत्र के कुल 4,813 मतदाताओं ने इस विकल्प को चुना। नोटा विकल्प मतदाताओं को चुनाव में सभी उम्मीदवारों को खारिज करने का विकल्प देता है। इसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सितंबर 2013 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में शामिल किया गया था। चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र में, जहां भाजपा के प्रवीण खंडेलवाल ने 89,325 मतों की बढ़त के साथ जीत हासिल की, 5,563 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जहां दो पूर्वांचली चेहरे – भाजपा के मनोज तिवारी और कांग्रेस के कन्हैया कुमार – सीधे मुकाबले में थे, 5,873 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में यह आंकड़ा लगभग करीब था जहां 5,394 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना जबकि दक्षिण दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में 5,961 मतदाताओं ने ऐसा ही किया। दूसरे सबसे ज्यादा नोटा वोट पश्चिमी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में 8,699 वोटों के साथ डाले गए, जहां आप के महाबल मिश्रा भाजपा के कमलजीत सेहरावत से मुकाबला कर रहे थे। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने हाल ही में नोटा को ‘प्रतीकात्मक’ प्रभाव वाला बताया था और कहा था कि अगर किसी सीट पर इसे 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिलते हैं, तभी चुनाव परिणामों पर इसे कानूनी रूप से प्रभावी बनाने पर विचार किया जा सकता है। रावत ने पीटीआई-भाषा से कहा था कि अगर 100 में से 99 वोट नोटा विकल्प के पक्ष में जाते हैं और किसी को एक वोट मिलता है, तब भी उम्मीदवार विजयी होगा।