बहराइच जिला पंचायत राज अधिकारी को शासन ने किया निलंबित
अनुमानित दर से अधिक मूल्य का भुगतान करने और शौचालय निर्माण में हुआ था घोटाला
डीपीआरओ पर 80 करोड़ के बजट को खर्च न करने का है आरोप।
बहराइच, अमृत स्वरूप। जिला पंचायत राज अधिकारी को शासन ने निलंबित कर दिया है। डीपीआरओ पर शौचालय निर्माण और अनुमानित दर से अधिक मूल्य का भुगतान संबंधित फर्म को करने का आरोप है। डीपीआरओ पर कुल 80 करोड़ रुपए के बजट को खर्च न करने और अन्य घोटाले का आरोप लगा है।
जनपद बहराइच में जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर उमाकांत पांडे की तैनाती है। जिला पंचायत राज अधिकारी लगभग तीन वर्ष से जनपद में तैनात है। उनके विरुद्ध करोड़ों के घोटाले का आरोप लग चुका है। जिसकी जांच जिलाधिकारी की संस्तुति पर शासन ने करवाई थी। शासन की टीम ने जिले में उनकी तैनाती के दौरान हुए शौचालय निर्माण, होर्डिंग लगाने के मद में किए गए भुगतान की जांच करवाई गई। इसके बाद सभी जांच ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अचानक शासन की ओर से जिला पंचायत राज अधिकारी को निलंबित करने का आदेश अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने 13 मई को जारी किया। आदेश सोमवार को जनपद में पहुंचा तो हड़कंप मच गया। शासन की ओर से डीपीआरओ पर लगे घोटाले की जांच उप निदेशक पंचायती राज एसएन सिंह को सौंपी गई है।
80 करोड़ के बजट को खर्च न करने का आरोप
जिला पंचायत राज अधिकारी मकान के विरुद्ध सर्वप्रथम तत्कालीन जिलाधिकारी शंभू कुमार ने जांच कराई थी। जिसमें 19 जुलाई 2017 को जनपद के विभिन्न ब्लाकों में लगवाए गए होल्डिंग में अनुमानित दर से अधिक मूल्य का भुगतान करने का आरोप है। इसके अलावा शौचालय निर्माण में घोटाले का आरोप है। बिना शौचालय निर्माण के ही कई ब्लाकों का धन निकाल लिया गया। साथ ही सरकार द्वारा मिले 80 करोड़ रूपये को सही मद में उपयोग न करने का आरोप है।
कई वीडीओ भी आयेंगे जद में
जिला पंचायत राज अधिकारी पर घोटाले की कार्रवाई के बाद से ही अब संबंधित गांव में तैनात ग्राम विकास अधिकारियों पर गाज गिरनी तय हो गई है। यदि जिला प्रशासन की ओर से जांच कराई गई तो 50 से अधिक ग्राम विकास अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक सकती है।