बहराइच। जनपद में अवस्थित गो आश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने की अभिनव सोच को अमलीजामा पहनाने के लिए विकास खण्ड तेजवापुर अन्तर्गत ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का हुनर काम आ रहा है। गोआश्रय स्थल पर उत्सर्जित होने वाले गोबर व ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी महिलाओं के हाथों की प्रतिभा के मिश्रण से तैयार होने वाले दियों से अंधकार पर प्रकाश, अन्याय पर न्याय तथा बुराई पर अच्छाई की जीत तथा सुख एवं समृद्धि का प्रतीक दीपावली पर्व के अवसर पर जिले के सरकारी कार्यालयों पर रौशनी की बारिश होगी। उल्लेखनीय है कि कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान खण्ड विकास अधिकारी तेजवापुर ने जिलाधिकारी को महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा गोबर से तैयार की गई लक्ष्मी व गणेश की मूर्ति, नेम प्लेट तथा दिये भेंट करते हुए महिला सदस्यों द्वारा गोबर से तैयार किये गये उत्पादों की बिक्री हेतु कलेक्ट्रेट में स्टाल लगवाये जाने का सुझाव दिया। इस सम्बन्ध में डीएम ने सुझाव दिया कि गौशाला में तैयार किये गये दियों की बिक्री की शुरूआत सरकारी कार्यालयों से की जाय। डीएम मोनिका रानी ने कहा कि गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाया गया यह छोटा सा कदम आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा। डीएम ने कहा कि गोबर आधारित उत्पादों के निर्माण से जहां एक ओर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा वहीं स्थानीय स्तर पर महिलाओं को रोज़गार मिलने से गांवों में सुख व समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त होगा। डीएम ने जिले के अधिकारियों का आहवान किया कि इस दिशा में नवाचार को बढ़ावा दिया जाय तथा स्थानीय लोगों विशेषकर महिलाओं से भी सुझाव प्राप्त किये जाएं तथा आवश्यकतानुसार उन्हें प्रशिक्षण भी दिलाया जाय।