सोमवार 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा घर-घर दस्तक अभियान।
रिपोर्ट-नितिश कुमार तिवारी।
श्रावस्ती जनपद में जिलाधिकारी नेहा प्रकाश की अध्यक्षता में चल रहे विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं सोमवार 17 अप्रैल से चलने वाले दस्तक अभियान से सम्बन्धित कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान चल रहे विशेष संचारी रोग नियत्रंण अभियान की गहन समीक्षा की गई, समीक्षा के दौरान क्रमशः कृषि विभाग एवं पंचायतीराज विभाग की प्रगति रिपोर्ट सन्तोष जनक न पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों को प्रगति बढ़ाने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि विशेष संचारी रोग नियत्रंण अभियान 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक तथा दस्तक अभियान 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलाया जा रहा है। उन्होने कहा कि इस अभियान के माध्यम से जनपद के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों मे कार्यक्रम चलाकर स्वच्छता के प्रति सजग एवं जागरूक करते हुए विशेष सफाई रखने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जनपद में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अन्तर्गत दिमागी बुखार और संचारी रोगों की रोकथाम की जायेगी। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही नगर विकास, पंचायतीराज,ग्राम विकास विभाग, पशु पालन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, दिव्यांगजन सशक्तीकरण,समाजकल्याण विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग, उद्यान विभाग, सूचना विभाग आदि कार्यक्रम से जुड़े समस्त विभाग एक साथ मिलकर संचारी रोग से बचाव हेतु कार्य करेंगे। 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलने वाले दस्तक अभियान के तहत घर-घर जाकर आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा साफ-सफाई, कचरा निस्तारण, जलभराव रोकने, मच्छरों से बचाव आदि के प्रति लोगों को जागरूक करेगी। साथ ही डेंगू, फाइलेरिया, दिमागी बुखार, क्षयरोग के लक्षण एवं रोगियों को खोजकर जांच एवं उपचार हेतु सूची बनायेंगी, ताकि उनका ईलाज कराकर उन्हें स्वस्थ्य बनाया जा सके। समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विभागों की प्रगतिरिपोर्ट बेहतर स्थित में न पाए जाने पर निर्देश देते हुए कहा कि आगे से इसे अच्छी स्थिति में पहुंचाने का पूरा प्रयास करें। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि विभिन्न रोगों की रोकथाम हेतु विभागों के बीच आपसी समन्वय स्थापित करते हुए एक साथ कार्यवाही की जाए। इस अभियान से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी,कर्मचारीगण के माध्यम से जनपद में यह अभियान सफल बनाया जाएगा। उन्होने जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा कि यदि किसी भी प्रकार का बुखार हो भी जाता है वे घबराए नही अपने नजदीकी सामुदायिक,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर डॉक्टर से परामर्श लेकर इलाज कराए। यह भी ध्यान रखा जाय कि कोई भी बुखार दिमागी बुखार हो सकता है। इससे सावधान रहने की जरूरत है और अपने आस-पास साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखा जाये। दिमागी बुखार और संचारी रोगों के लक्षण प्रतीत होने पर तुरन्त डाक्टर से सलाह लेकर उपचार करायें। संचारी रोगों से बचाव हेतु अपने घरो में दरवाजे एवं खिड़कियों पर जाली लगाये, नियमित मच्छरदानी का प्रयोग करें, मच्छर रोधी उपाय अपनाये, अनुपयोगी वस्तुओ में पानी इकट्ठा न होने दें, पानी की टंकी ढककर रखें, पूरी बांह वाले कपड़े पहने, घरों व कार्य स्थल के आस-पास पानी न जमा होने दे, कूलर, गमले आदि को साप्ताहिक खाली कर सुखायें, गड्ढो में जहां पानी इकट्ठा हो उसको बन्द कर दें, नालियों में जल भराव रोके व उनकी नियमित सफाई करें, खुले में शौच न करें तथा नियमित शौचालय का प्रयोग करें, कुपोषित बच्चो का विशेष ध्यान रखें, बच्चों को जे.ई.के दोनो टीके अवश्य लगवायें इन सब बातो को ध्यान में रखकर संचारी रोग से छुटकारा पाया जा सकता है। बैठक का संचालन मुख्य विकास अधिकारी अनुभव सिंह ने किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एस.पी. तिवारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी पी.के. दास, जिला विद्यालय निरीक्षक सन्त प्रकाश,जिला कृषि रक्षा अधिकारी विजय कुमार,उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.वी.के.श्रीवास्तव,जिला मलेरिया अधिकारी ,जिला समन्वयक बेसिक शिक्षा अजीत उपाध्याय,सभी खण्ड विकास अधिकारी गण, बेसिक अधिकारी अमिता सिंह, सहित यूनिसेफ, डब्ल्यू.एच.ओ के सम्बन्धित अधिकारी,कर्मचारीगण उपस्थित रहे।