विशेश्वरगंज बहराइच,
रविवार को क्षेत्र के ग्राम पंचायत बरगदही नेजाभार में सेवादल के संस्थापक डाक्टर नारायण सुब्बाराव हार्डिकर के 134 वें तथा विश्व कवि गुरु रवींद्रनाथ के 162 वें जयंती पर जिला कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष रमेश चन्द्र मिश्र की अध्यक्षता में वन्देमातरम् दिवस के रुप में मनाते हुए “सेवा, समर्पण और अनुशासन तथा वर्तमान युवा पीढ़ी ” पर आधारित विचार गोष्ठी आयोजित किया गया,
उक्त गोष्ठी में अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल के प्रशिक्षक विनय सिंह ने कहा कि डाक्टर नारायण सुब्बाराव हार्डिकर सम्पूर्ण भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठन हिन्दुस्तानी सेवादल के निर्माता के तौर पर विश्व विख्यात हैं, उनका जन्म धारवाड़ (कर्नाटक प्रदेश) में 7 मई 1,889 में हुआ था, बाल्यकाल से ही वे स्वदेशी आन्दोलन में रुचि लेने लगे थे, राजनीतिक विचारधारा में तथा सामाजिक कार्य के लिए उन्होंने बाल गंगाधर लोकमान्य तिलक से प्रेरणा ली थी, 1921 में उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में कूद कर कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी में मंत्री के तौर पर कार्य करते हुए 1,923 से 1,947 तक तिलक कन्या विद्यालय, पूना राष्ट्र सेवादल, भारत सेवादल, हिन्दुस्तानी सेवादल, कर्नाटक हेल्थ इंस्टीट्यूट आदि को स्थापित किया, जिसमें हिन्दुस्तानी सेवादल की स्थापना 1,923 में नागपुर के जेल में झण्डा सत्याग्रह के दौरान हुआ था, उनके राष्ट्र प्रेम, सामाजिक कार्यों तथा सादगी पूर्ण जीवन से हमें भी देश के लिए समर्पण की प्रेरणा मिलती है, उन्होंने गुरु रवींद्रनाथ टैगोर को संस्कृति, साहित्य, और संगीत के साथ-साथ विश्व का सर्वोच्च शिखर बताते हुए कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर को गुरुदेव की उपाधि महात्मा गांधी ने दी थी, और राष्ट्रगीत जन गण मन अधिनायक जय हे की रचना रवींद्र नाथ टैगोर ने ही किया था, उनका जन्म 1,861 में कलकत्ता में हुआ था, अपने अध्यक्षीय संबोधन में जिलाध्यक्ष रमेश चन्द्र मिश्र ने कहा कि डाक्टर एन एस हार्डिकर 1,941 में भारतीय कांग्रेस कमेटी के आमंत्रण पर कांग्रेस सेवादल की पुनर्रचना के कार्य संचालक की जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए 1,952 से 1,962 तक राज्य सभा के सदस्य रहे, भारत सरकार ने उनकी सेवाओं के अनुरूप 1,960 में उन्हें पदम् श्री पुरस्कार से अलंकृत किया था, उन्होंने कहा कि विश्व कवि रवींद्र नाथ टैगोर को उनकी कृति गीतांजलि पर 1,913 में नोबेल पुरस्कार मिला था, 1,901 में उन्होंने शांति निकेतन की स्थापना की थी जो अपनी तरह का शिक्षा का अद्भुत प्रयोग था, गांधी जी को महात्मा पहली बार रवींद्रनाथ टैगोर ने ही कहा था,
वे नेता सुभाष चंद्र बोस को बहुत मानते थे, विट्रिश शासन ने उन्हें नाइटहुड की उपाधि दी थी, जिसे उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में लौटा दिया था, 1,918 में उन्होंने विश्व भारती विश्व विद्यालय की स्थापना की थी, बांग्लादेश ने उनकी रचना “आभार ” सोनार बांग्ला ‘को राष्ट्र गान बनाया है, संचालन कांग्रेस सेवादल के पूर्व जिलाध्यक्ष इन्द्र कुमार यादव ने किया, गोष्ठी में कांग्रेस नेता मूलचन्द राव, मोहम्मद इशारत खान, बैजनाथ चौधरी, दुर्गेश सिंह, श्याम पाठक, अवधराज पासवान, बाबूराम गोस्वामी, नंद कुमार रावत, प्रदीप कुमार पाण्डेय, बंटू सचिन, अनिमेष पाण्डेय, नरेन्द्र शास्त्री सहित कई लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए,